कल था वोह पल
दील में थी हलचल
धीमे धीमे हौले हौले
दील में थी धड़कन
भारतीय प्रबंध संसथान से
जुड़ा है ऐसा बंधन
कभी जिन्दगी है हसीन
कभी मरते है हरदम
बड़ी बड़ी उपलब्धियों के
देखे थे छोटे छोटे सपने
समय की सवारी में
स्वप्न सारे टूटने लगे अपने
सोचा था यही है मंजील
सजायी थी हमने मेहफ़ील
काश उस समय पता होता
के जा राहे है हम कारगील
Monday, December 13, 2010
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